लखनऊ --कोरोना संकट के दौरान नगरीय क्षेत्र में दैनिक मजदूरी करने वाले पल्लेदार, आढ़तिया, पटरी दुकानदारों, रिक्शा चालकों को सरकार ने आर्थिक सहायता दी है। जिसमें लखनऊ के 1418 पल्लेदार और आढ़तियों को भी शामिल किया गया है। जबकि प्रदेश भर में इन दोनों के लाभान्वित होने वालों की संख्या 18105 के आसपास है।* कोरोना की रोकथाम के लिए लॉकडाउन लागू किए जाने से दैनिक मजदूरी करने वाले लोगों को रोजी-रोटी का संकट खड़ा होने लगा था। जिसको देखते हुए प्रदेश सरकार ने इन्हें एक हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने का फैसला किया है। इसी कड़ी में मंडी परिषद के सभी 16 संभागों ने पूरे प्रदेश में 18 हजार से अधिक व्यक्तियों के नाम, मोबाइल नम्बर, बैंक पासबुक, आधार नम्बर आदि एकत्रित किए हैं। मंडी सचिवों ने इन एकत्रित की गई जानकारियों को नगर आयुक्त, नगर पालिकाओं, नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारियों से साझा किया।मंडी परिषद के निदेशक जितेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि इन चिह्नित व्यक्तियों के खाते में शासन की योजनानुसार एक हजार रुपये की धनराशि की किश्त नगर विकास विभाग के निर्देशन में दे दी गई है। उन्होंने बताया कि लाभ पाने वाले व्यक्तियों में सबसे ज्यादा कानपुर के 2782, झांसी 2360, प्रयागराज 1584, मुरादाबाद 1624 और आगरा के 1194 लोगों को शामिल किया गया है। वहीं सबसे कम आजमगढ़ में केवल 58 लोगों को ही यह सुविधा मिल पाई।
कोरोना संकट के दौरान नगरीय क्षेत्र में दैनिक मजदूरी करने वाले पल्लेदार, आढ़तिया, पटरी दुकानदारों, रिक्शा चालकों को सरकार ने आर्थिक सहायता दी